27000 UP PRT Shikshak Bharti 2024: यूपी में ख़त्म हुआ शिक्षक भर्ती का सूखा, कोर्ट ने 90 दिनों में 27000 पदों को भरने के लिए दिया आदेश। उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती को लेकर एक से एक खबरें आ रही थीं। किंतु 27 अगस्त को जो खबर आयी उसने लाखों अभ्यर्थियों के अंदर उम्मीद की एक किरण जागृत की है। आपको बता दिया जाता है कि कोर्ट ने 27000 पदों पर भर्ती देकर 90 दिनों के अंदर नियुक्ति करने का आदेश दे दिया है। अब सरकार को कोर्ट के दो दो आदेशों का पालन करना होगा। जिसमें एक तो 69000 का मामला है तथा अब यह उससे पहले हुई भर्ती का मामला भी आ चुका है।
27k यूपी सुपर टेट शिक्षक भर्ती का आदेश (27000 UP PRT Shikshak Bharti 2024)
उत्तर प्रदेश में पिछले 6 वर्षों की शिक्षक भर्ती का सूखा अब समाप्त होता हुआ दिख रहा है। कल कोर्ट ने यूपी आयोग तथा सरकार को 2018 में हुई 68500 पदों पर शिक्षक भर्ती को लेकर आदेश जारी किया है। आपको बता दें कि जो 68500 शिक्षक भर्ती हुई थी उसमें क़रीब 27000 पद ख़ाली रह गए थे। और उन्हें अभी तक नहीं भरा गया है जिसपर कोर्ट ने आयोग को 90 दिनों के अंदर 27000 पदों को भरने का आदेश दिया है। कोर्ट के आदेश पर आयोग 2 सप्ताह के अंदर पूरा ब्यौरा भी देगा।
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अब कोर्ट का आदेश तो जारी हो चुका है किंतु सवाल यह है कि इस 27000 भर्ती में कहीं ऐसा तो नहीं होगा कि इसमें समायोजन के ज़रिए पदों को भर दिया जाएगा। क्योंकि 69000 भर्ती में जो मामला चल रहा है उसमे भी समायोजन की बारे हो रही हैं। तो यह भी देखा जा रहा है कि कहीं 69000 में वंचितों को 68500 में ख़ाली 27000 में समायोजित न कर दिया जाये। किंतु इसमें शिक्षामित्र तथा बीएड अभ्यर्थियों को भी शामिल किया गया था। उनके लिए क्या प्रक्रिया होगी? प्रश्न तो बहुत है किंतु जवाब कौन देगा यह किसी को नहीं पता।
80000 पदों पर नोटिफिकेशन जारी करने का दबाव
जैसा कि यह खबर तो आ ही चुकी है कि 27000 पदों पर भर्तियाँ की जायेंगी तो अब जब भर्ती की ही जाएगी तो क्यों न आयोग इसी समय लंबित भर्तियों की ख़ाली पदों की भी सूची जारी कर दे। क्योंकि आपको याद होगा 51000 से अधिक पदों के लिए कुछ समय पहले बहाली का अधियाचन दिया गया था। उसी को देखते हुए 27000 में लंबित पदों को जोड़कर कुल 80000 पदों पर भर्ती देनी चाहिए। इस पूरी प्रक्रिया के लिए कम से कम 2 सप्ताह का और समय लगेगा जब आयोग पूरी जानकारी सार्वजनिक करेगा।
अब यह भर्ती एक अलग दिशा में जाने वाली है। जिसमें नई भर्ती के अभ्यर्थियों द्वारा धरना तथा अन्य माध्यम से सरकार तथा आयोग पर दबाव बनाया जाना चाहिए ताकि प्रदेश में एक बड़ी भर्ती निकाली जाये। क्योंकि 20 लाख से अधिक अभ्यर्थियों में 27000 पद आ भी जाते हैं तो इसके कट ऑफ का क्या हाल होगा इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। अब देखना यही होगा कि 27000 के कोर्ट के आदेश पर आयोग अपना क्या रवैया अपनाती है।
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