UP Govt Closed Basic Schools: यूपी में बंद होंगे 2200 से अधिक प्राथमिक विद्यालय, शिक्षक भर्ती का सपना अब सपना ही रहेगा क्या

UP Govt Closed Basic Schools

UP Govt Closed Basic Schools: यूपी में बंद होंगे 2200 से अधिक प्राथमिक विद्यालय, शिक्षक भर्ती का सपना अब सपना ही रहेगा क्या? उत्तर प्रदेश में जहाँ पर इन दिनों शिक्षक भर्तियों की माँगे हो रही हैं। तो वहीं दूसरी तरह प्रदेश के क़रीब 2265 परिषदीय विद्यालय बंद करने के आदेश किए जा चुके हैं। आपको बता दें पिछले कच समय से इन सभी विद्यालय में विद्यार्थियों की संख्या लगातार कम होती जा रही है। जिसकी वजह से सरकार द्वारा यह कदम उठाया जा रहा है। इस बारे में पूरी जानकारी इसी पोस्ट में दी गई जिसे आप पढ़ सकते हैं।

बंद होंगे यूपी के 2265 परिषदीय स्कूल (UP Govt Closed 2265 Basic Schools)

प्रदेश में इस समय 2265 स्कूल ऐसे हैं जहां पर निरंतर बच्चों की संख्या घटती हुई नज़र आयी है। बच्चों की संख्या में वृद्धि करने के लिए कई उपाय अपनाए गए किंतु किसी में भी सफलता नहीं मिली है। इसके बाद यह निर्णय लिया गया है कि जिन विद्यालयों में 50 बच्चों से कम संख्या है उन विद्यालयों को बंद करके उसमें पढ़ने वाले बच्चों को दूसरे स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा। इस प्रक्रिया पर कार्य शुरू किया जा चुका है और बहुत जल्द इसे पूरा भी कर लिया जाएगा।

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किंतु अब बात आयी है कि बच्चों को तो ट्रांसफ़र कर दिया जाएगा कि अध्यापकों का क्या होगा। तो आपको बता दें कि जिस प्रकार से बच्चों को किसी नज़दीकी स्कूलों में शिफ्ट किया जाएगा वैसे ही अध्यापकों को भी किसी अन्य विद्यालय में शिफ्ट किया जाएगा। यह फ़ैसला लेने के पीछे का कारण है कि बहुत से विद्यालयों में अध्यापकों अधिक हैं बच्चे कम हैं। और आपको पता होगा कि 30 बच्चों पर 1 शिक्षक, 45 बच्चों पर 2 शिक्षक, 60 पर 3 तथा 90 बच्चों पर 4 शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है। इन आँकड़ों को देखते हुए यह फ़ैसला लिया गया है।

स्कूलों को बंद होने से आगामी शिक्षक भर्तियों पर होगा विशेष प्रभाव

आपको बता दें कि यदि प्रदेश के सभी 2265 विद्यालय बंद किए जाते हैं तो इससे आगामी शिक्षक भर्तियाँ इससे प्रभावित होंगी। क्योंकि भले ही कुछ स्कूलों में शिक्षकों की संख्या ज़्यादे होगी किंतु इन 2265 में बहुत ऐसे शिक्षक होंगे जो रिटायर होने वाले होंगे ऐसे में जब रिटायर होने के बाद वह पद ख़त्म हो जाएगा। इसलिए संभवतः शिक्षक भर्ती प्रभावित होती दिख रही।

और इस समय शिक्षक भर्ती के लिए मची मारामारी के बीच यह कदम सरकार तथा विभाग के लिए कितना उचित होगा यह तो समय बताएगा किंतु शिक्षक अभ्यर्थियों के लिए यह फ़ैसला सही नहीं साबित होने वाला। सरकार को चाहिए कि विद्यालय में बच्चों की वृद्धि के लिए कार्यरत शिक्षकों को इसकी ज़िम्मेदारी सौंपे जिससे विद्यालय भी सुरक्षित रहे और बच्चे भी बढ़ें, ताकि भविष्य में शिक्षक बनने का लाखों का सपना भी पूरा हो सके।

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